हमारा गांव,हमारा देश,हमारा सन्देश(Hamara Gaon,Hamara Desh,Hamara Sandesh)
हमारा गांव,हमारा देश,हमारा संदेश आर्टिकल में हम मानवता के तहत,नक्सलवाद और माओवादी विचारधारा से प्रभावित राज्यो के गावों में शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार,आधुनिक तकनीकीकरण का स्वरूप कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में,बैंकिंग और कानूनी व्यवस्था को जानने की प्रयास के साथ साथ जागरूकता के तहत इस ग्रामीण भारत को मुख्य धारा से कैसे जोड़ा जाए इस पर भी चर्चा करेंगे। हमारा गांव,हमारा देश,हमारा सन्देश के तहत इनकी पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही संस्कार, संस्कृति और सभ्यता को ध्यान में रखकर रीति रिवाजों को भी खंगालने की प्रयास करेंगे।
![हमारा गांव,हमारा देश,हमारा सन्देश(Hamara Gaon,Hamara Desh,Hamara Sandesh)](https://jaanomaano.com/uploads/images/2020/12/image_750x_5fe1f6212a032.jpg)
मित्रो नमस्कार।
अपनी परिपक्व अनुभव,समाज से मिली उचित तथ्यों तथा नैतिक मूल्यों के आधार पर अपने स्पष्ट शब्दों के द्वारा किसी बुद्धिजीवी ने बहुत खूब कहा है कि - किसी भी देश, समाज और राष्ट्र के विकास की प्रक्रिया का आधार स्तंभ वहां की सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण, वैचारिक स्पष्टता और सांस्कृतिक विकास होती है।
लोकतांत्रिक राष्ट्र की असली खूबसूरती और मजबूती को अगर हर पहलुओं से देखा जाए तो वहां के संविधान के अनुरूप गठित की गई चार स्तंभ-विधायिका,कार्यपालिका,न्यायपालिका और मीडिया होती है।
यह चार स्तंभ अगर समग्र जन कल्याण की भावना से और मानवीय मूल्यों को संज्ञान में रखते हुए राष्ट्रहित पर अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही एक दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ निष्पक्ष रूप से निभाते हुए अपने काम को सुचारू रूप से करती हैं तो उस राष्ट्र का सर्वांगीण विकास निश्चित तौर पर तय है और इसके ठीक विपरीत,अगर यह चार स्तंभ कहीं ना कहीं अपनी जिम्मेदारी से भागती है या पीछे हटती है तथा अपने संवैधानिक कार्यभारों के तहत स्पष्टता और नैतिक मूल्यों का वहन नहीं करती हैं तो उस राष्ट्र का पतन अपने आप सुनिश्चित हो जाती है।
आज जब भी हम अपने राष्ट्र की चर्चा करते हैं जिसकी एक बड़ी आबादी/जनमानस, जिसकी संख्याबल सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यानी सेंसस के आधार पर लगभग 64% से भी ज्यादा है और शायद इसीलिए अपने भारत को गांवों का देश या कृषिप्रधान देश से भी संबोधन किया जाता रहा है।
पिछले सात दशकों में विकास के नाम पर अलग-अलग सत्ता में आई राजनीतिक पार्टियां अपने अपने तरीके से राष्ट्र के समग्र विकास हेतु अपनी-अपनी नीतियो,नियमो तथा सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से प्रयास कम या ज्यादा ग्रामीण तथा नगर स्तर पर करती आई है
पर आज जब भी हम में से कोई भी जिम्मेदार नागरिक अपना रुख गांव की ओर करता हैं तो इस विशेष गांव की वास्तविकता एक साफ शीशे की तरह उसके नजरों के इर्द-गिर्द स्पष्ट तरीके से दिख जाता है।वह सारी न्यूनतम सुविधाएं जो मूलतः उनका अधिकार क्षेत्र में निहित है परन्तु कहीं ना कहीं ऐशा स्पष्ट जान पड़ता है कि सतारूढ़ राजनीतिक पार्टियों की इच्छाशक्ति की दुर्बलता तथा इन भोले भाले लोगो में भी अपने अधिकार के प्रति सचेतन एवं जागरूकता की शून्यता इन कारणों को हमेशा से बल देती आई है। सायद यही सही कारण भी हो सकता है कि इतना बड़ा तबका आज भी गुमनामी के अंधेरे में अपना जीवन यापन व्यतीत करने को बेबस,लाचार और मजबूर है।
सरकारी संस्थाओं के अलावा भी हमारे इर्द-गिर्द कई सारे गैर सरकारी संगठन अपने अपने तरीके से अपने इस ग्रामीण भारत को एक सशक्त,समृद्ध और स्वालंबन आकार देने हेतु आर्थिक,सामाजिक और राजनीतिक परिपेक्ष से इसे राष्ट्र के मूलधारा में लाने के लिए निरंतर प्रयासरत दिख पड़ते हैं,पर जमीनी स्तर पर इसकी भी मौजूदगी इन क्षेत्रों में बहुत ही कम परिमाप में दिखती है और इसके कई कारण भी हो सकते है।
यह विशेष ब्लॉग "हमारा गांव,हमारा देश,हमारा संदेश" पूर्ण रूप से हमारे गांवों अर्थात् हमारे ग्रामीण भारत को समर्पित है और इसका मुख्य उद्देश्य अपने उन गांवों को मुख्यधारा से जागरूकता और वैचारिक क्रांति के तहत जोड़ना है जो आज भी अपने समाज और राष्ट्र से हर परिपेक्ष में बिल्कुल कटे हुए और अलग-थलग जान पड़ते है।
अपने देश की एक बड़ी आबादी का एक हिस्सा जो हमारे इन क्षेत्रों में पलता और बढ़ता है- सर्वप्रथम उन तक मानवीय मूल्यों और एक जिम्मेदार नागरिक के तहत,राष्ट्रहित में आप सभी गणमान्य नागरिकों तक इसे इस मंच के माध्यम से पहुंचाना और संदेश देना मात्र है।
यह पूरी जागरण यात्रा, पूरे आत्मीयता के साथ अपने ग्रामीण भाइयों,बहनों और बच्चो तक प्रत्यक्ष रूप से पहुंचना है,पहुंच कर उनसे मिलना,मिलकर अटूट मैत्री भाव को स्थापित करना,उनके जीवन यापन को समझना तथा उनकी दैनिक दिनचर्या के मुताबिक चली आ रही उनकी समस्याओं का कारण और निवारण के लिए अनुभव और सुझाव के तहत उन्हें मार्गदर्शन करना अपनी कोशिश रहेगी।
इस यात्रा मे समयानुसार आप सभी के उचित सुझाव और एक सशक्त मार्गदर्शन को भी अपने इस ब्लॉग के जरिए लेते रहेगें और हमें पूर्ण विश्वास है कि इस मुहिम के जरिए अपने ग्रामीण भारत का सही और वास्तविक रूप आप सभी तक प्रस्तुत कर पाने में हमारी टीम सफलता को अवश्य प्राप्त करेगी।
इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, हमारी पूरी टीम की प्रयास यही रहेगी कि आप सभी का अटूट समर्थन,विश्वाश और आत्मीयता भरा आशीष समय समय पर मिलता रहे और कैसे हम सभी अपने इंडिया को वापस भारत बना पाए ताकि विश्वगुरु राष्ट्र बनने का गौरव अपने देश को पुनः प्राप्त हो।
अपने इस ब्लॉग में साझा की गई जानकारियां और तथ्य के आधार स्तम्भ और श्रोत, ग्रामीण भारत में जीवन यापन कर रहे हमारे अपने ग्रामीणवासी/वनवासी/गीरिवासी जो भाई,बहन है उनके साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़कर नीचे लिखे बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद ही होगी जिसे हमने विस्तार पूर्वक आप सभी तक नीचे साझा करने की कोशिश है।
मान लीजिए, अगर हम छत्तीस किलों वाला राज्य,छत्तीसगढ़ का चयन करते है,तब नीचे लिखे मुद्दों पर हमारी जानकारी की यात्रा छत्तीसगढ़ राज्य के सुदूर क्षेत्रों में बसे वनवासी,गीरिवशी ग्रामीण समाज को ध्यान में रखकर आगे बढ़ेगी और वह इस क्रम में होगी,
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व स्वालंबन के साधन, जागरूकता के तहत कृषि, पशुपालन में आधुनिक तकनीकीकरण का महत्व, सरकारी योजनाओं का ज्ञान तथा कई हज़ारों वर्षों की,महानतम संस्कार,संस्कृति और सभ्यता के तहत चली आ रही अपनी उच्चतम कोटि के रीति-रिवाज और परंपरा।
इसलिए जागरूकता को ग्रामीण भारत का केंद्र बिंदु और मानक मानकर नीचे वर्णित मुद्दों पर हमारी खोज और जानकारी सदा सर्वदा निहित रहने वाली है।
सर्वप्रथम हम ग्रामीण भारत में शिक्षा अर्थात्
- ग्रामीण भारत में शिक्षा की भूमिका
- गांव में शिक्षा का महत्व
- वर्तमान के ग्रामीण समाज में शिक्षा के प्रति उनकी जागरूकता और शिक्षा की स्थिति
- ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्या किया जा सकता है।
- ग्रामीण भारत में प्राथमिक,माध्यमिक और उच्च शिक्षा की समस्याएं/चुनौतियों और उसका समाधान
- ग्रामीण एवं शहरी शिक्षा में अंतर
- ग्रामीण बच्चों की शिक्षा
दूसरी अहम मुद्दा स्वास्थ्य से संबंधित जैसे,
- ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं
- ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं
- ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल
- ग्रामीण भारत के लिए सरकारी योजनाएं(ग्रामीण महिला स्वास्थ्य मिशन,राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन/राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य योजना)
- ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता
- ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य समस्याएं
- आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं
- ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम
- ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
- ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था
- चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था
- स्वास्थ्य व्यवस्थापन सूचना प्रणाली
- स्वास्थ्य व्यवस्था प्रतिवेदन
तीसरी रोजगार,जिसमें
- ग्रामीण भारत में आय- व्यय के उचित श्रोत और साधन
- ग्रामीण रोजगार
- ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर
- पर्यटन की दृष्टि से ग्रामीण भारत में रोजगार की संभावनाएं
- ग्रामीण भारत के लिए सरकारी और गैरसरकारी संस्थाओं द्वारा रोजगार के अवसर
- ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम,
- ग्रामीण रोजगार सेतु,
- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना,
- प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार योजना,
- संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना,
- ग्रामीण उद्यम विकास एवं सेवा योजना
- गांव में करने लायक बिजनेस
- ग्रामीण स्वरोजगार व लघु उद्योग विकास
- ग्रामीण कल्याण रोजगार योजना
- ग्राम पंचायत योजना
- ग्राम पंचायत घरपट्टी नियम
- ग्राम पंचायत कार्य सूची
- ग्राम पंचायत माहिती
- ग्राम पंचायत चौकसी
- ग्राम पंचायत विकास योजना
चौथी मुद्दा,हमारे ग्रामीण भारत में विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकीकरण की भूमिका जिसके तहत
- डिजिटलाइजेशन
- इंटरनेट उपयोग
- स्मार्टफोन
- ई-तकनीकों का ग्रामीण विकास में योगदान
- ई-खेती
- सरकारी योजनाएं-
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना,
- राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम),
- एम किसान पोर्टल,
- फसल बीमा पोर्टल,
- पूसा कृषि मोबाइल एप्,
- ई - ट्रेडिंग पोर्टल, ई- मार्केटिंग,
- ई-पशु हाट पोर्टल,
- किसान एस.ऐम. एस पोर्टल,
- किसान सूचना केंद्र
और पांचवा सबसे अहम मुद्दा है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हमारी ग्रामीण भारत की अपनी संस्कार, संस्कृति और सभ्यता है जो रीति रिवाजों को संभाले हुए है जैसे,
- ग्रामीण परंपरा
- ग्रामीण भारतीय संस्कृति और सभ्यता
- ग्रामीण संस्कृति परंपरा के संरक्षण
- ग्रामीण भारतीय समाज और संस्कृति की विशेषताएं
- बदलती ग्रामीण भारतीय संस्कृति
- ग्रामीण भारतीय संस्कृति के मूल तत्व
इसके समानांतर में अपने ग्रामीण भारत में संविधान रूपी कानूनी व्यवस्था और ग्रामीण बैंकों की सहभागिता को भी हम एक अभिन्न अंग के रूप में रख रहे है।
अस्वीकरण :
इस ब्लॉग पर कोई भी आलेख जो ग्रामीण भारत से जुड़ी हुई है, पूर्णरूपेण ग्रामीण भारत में निवास कर रहे अपने ग्रामीण वासी भाइयों,बहनों और बच्चों से चर्चा और प्रत्यक्ष रूप से उनसे मिली जानकारी के आधार पर होगी और यहां कुछ महत्वूर्ण तथ्य/आंकड़े की श्रोत - सरकारी और गैरसरकारी भी विशेष परिस्थतियों में हो सकती है जिसे हम निष्पक्ष और स्पस्ट तरीक़े से वर्णित करेगें। यह जाति,वर्ण,धर्म,पंत और समाज के भेदभावों से कोसो दूर मानवीय मूल्यों के तर्ज पर सिर्फ और सिर्फ समग्र और सर्वांगीण विकास की धारा को प्रवाहित करने कि मंशा से ही होगी।
धन्यवाद्।